मंडला जिला चिकित्सालय में शुक्रवार को एक मरीज की मृत्यु के बाद परिजनों और अस्पताल स्टाफ के बीच तीव्र विवाद हो गया। यह घटना तब शुरू हुई जब पड़ाव निवासी दुर्गेश सिंगरोरे (35) को फांसी लगाने के बाद गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया। अस्पताल पहुंचते ही उनकी मृत्यु हो गई।
परिजनों के आरोप
मृतक के भाई मुकेश सिंगरोरे ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने समय पर इलाज नहीं किया, जिसके कारण उनके भाई की मृत्यु हुई। उन्होंने यह भी दावा किया कि विवाद के दौरान अस्पताल के स्टाफ ने उनके साथ मारपीट की। मुकेश का कहना है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही इस त्रासदी का कारण बनी।
डॉक्टरों का पक्ष
वहीं, अस्पताल के डॉक्टरों ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मरीज को मृत अवस्था में ही अस्पताल लाया गया था। उनका कहना है कि मुकेश सिंगरोरे ने कैजुअल्टी में मौजूद गार्ड के साथ मारपीट की और डॉक्टरों के साथ अभद्रता व गाली-गलौज की। डॉक्टरों ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
सीसीटीवी फुटेज और पुलिस की कार्रवाई: इस घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें पुलिस द्वारा मुकेश को ले जाते समय मारपीट की स्थिति दिख रही है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और डॉक्टरों द्वारा सौंपे गए सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है।
डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट की मांग
डॉक्टरों ने इस मामले में डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि ऐसी घटनाएं चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा को खतरे में डालती हैं और अस्पतालों में कार्यरत कर्मचारियों के मनोबल को प्रभावित करती हैं।
मंडला पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है और दोनों पक्षों के बयानों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने एक बार फिर अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था और मरीज-डॉक्टर संबंधों पर सवाल खड़े किए हैं।
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